tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post1889061896057333899..comments2023-09-26T19:57:38.188+05:30Comments on चीरफाड़: कहां है गणतंत्र की राष्ट्रभाषा ?एस.एन. विनोद !http://www.blogger.com/profile/15928209423094784655noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-19001897158172562292010-09-17T10:20:42.841+05:302010-09-17T10:20:42.841+05:30This comment has been removed by the author.प्रकाश पंकज | Prakash Pankajhttps://www.blogger.com/profile/05215136201174516321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-46301385266320688632010-01-28T13:20:29.454+05:302010-01-28T13:20:29.454+05:30सच्चाई यह है कि दुनिया के बहुत कम देशों में 'र...सच्चाई यह है कि दुनिया के बहुत कम देशों में 'राष्ट्रभाषा' घोषित है। अंग्रेजी, यूएसए या यूके की राष्ट्रभाषा नहीं है। इसका यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि हिन्दी का प्रयोग दवा के पैकेटों पर नहीं कराया जा सकता। यह सर्वसाधारण की सुविधा से जुड़ा हुआ प्रश्न है और इसमें किसी को कोई शक नहीं कि हिन्दी भारत की बहुसंख्यक जनता से जुड़ी हुई है और जनता हिन्दी से। <br /><br />इस कुतर्क को बड़े बुरे तरह से पेश किया जा रहा है। यह निर्णय इस मामले में गलत है कि हिन्दी में लिखने/लिखवाने के लिये हिन्दी का 'राष्ट्रभाषा' घोषित होना जरूरी कैसे है? क्या उसका 'जनभाषा', 'राजभाषा', 'सम्पर्कभाषा', भारत में 'सर्वाधिक प्रचलित भाषा', 'स्वतंत्रता की लड़ाई की भाषा' आदि होना काफी नहीं है?अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-72925870347717115942010-01-28T11:02:11.222+05:302010-01-28T11:02:11.222+05:30राष्ट्रभाषा के बगैर देश गूंगा है....मात्र गूंगा? स...राष्ट्रभाषा के बगैर देश गूंगा है....मात्र गूंगा? सा'ब हम तो गुलाम है-गुलाम. गुलाम क्या बोले? क्या सुने? आप समझ ही सकते है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-55848398390356524762010-01-28T01:53:31.606+05:302010-01-28T01:53:31.606+05:30कोर्ट की अपनी सीमा है. वह संविधान को व्याख्यायित क...कोर्ट की अपनी सीमा है. वह संविधान को व्याख्यायित करता है, लेकिन हिंदी प्रेमियों की कोई सीमा नहीं है. यहां कुछ समय पहले तक यह सीमा हुआ करती थी. लेकिन कंप्यूटर पर हिंदी आने से ये सीमा खत्म हुआ चाहती है. गैर-हिंदी भाषी भी हिंदी सीख रहे हैं. बड़े चाव से.Satyajeetprakashhttps://www.blogger.com/profile/11272982282044450151noreply@blogger.com