tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post7463949650199710207..comments2023-09-26T19:57:38.188+05:30Comments on चीरफाड़: 'गुंडा राज' को शासकीय स्वीकृति?एस.एन. विनोद !http://www.blogger.com/profile/15928209423094784655noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-81153600512064170312010-02-12T11:52:49.371+05:302010-02-12T11:52:49.371+05:30अच्छा और सही लिखा है. शेष चिपलुनकरजी ने अपनी टिप्प...अच्छा और सही लिखा है. शेष चिपलुनकरजी ने अपनी टिप्पणी में लिख दिया है. वास्तव में लड़ाई सेना बनाम सेना व खान बनाम खान की है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-37750149615371661882010-02-12T11:19:54.857+05:302010-02-12T11:19:54.857+05:30भारतीय नागरिक से सहमत हूं… जब तक आलोचना का पैटर्न ...भारतीय नागरिक से सहमत हूं… जब तक आलोचना का पैटर्न दोमुहां रहेगा… तब तक ऐसे मामलों में संदेह की सुई पत्रकारों और सेकुलरों पर टिकी रहेगी…। राज ठाकरे भले ही कितनी भी बकवास करते हों अमिताभ बच्चन वाली बात सही कही है… कि टाइम्स समूह की "अमन की आशा" नौटंकी में शामिल हुए अमिताभ बच्चन को शिवसेना द्वारा क्यों बख्शा गया? मीडिया ने सेना विरोधी आंधी में यह मूल मुद्दा दबा दिया कि शाहरुख ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों को क्यों नहीं खरीदा? मीडिया के इस दोगले रुख की क्या वजह है? शाहरुख खान से मिला हुआ पैसा, या 5M (मार्क्स, मुल्ला, मिशनरी, मैकाले, मार्केट) का दबाव??Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-44321853570684412862010-02-12T10:31:42.685+05:302010-02-12T10:31:42.685+05:30आपकी बात ठीक है. लेकिन वोट बैंक के लिये जायज-नाजाय...आपकी बात ठीक है. लेकिन वोट बैंक के लिये जायज-नाजायज सारे काम तो कांग्रेस भी करती है और अन्य पार्टियां भी. बस उनका उतना मुखर विरोध नहीं होता. और हिन्दी तथा हिन्दी भाषियों के साथ यह दुर्गति तो दक्षिण में भी हो चुकी है. हर कोई अपनी सत्ता की दुकान बढ़िया ढ़ंग से चलाना चाहता है जिसके लिये हर एक फार्मूला अपनाता है. लेकिन इस सब के बीच मूल मुद्दा वही है कि आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के हमदर्द बनकर शाहरुख क्या जतलाना चाहते थे और पिछले तिरेसठ सालों से क्रिकेट खेलकर कौन सी शांति भारत में आ गयी जो न खेलने से चली जायेगी.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com