tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post8265552161675607468..comments2023-09-26T19:57:38.188+05:30Comments on चीरफाड़: 'हमाम में नंगों के बीच बेचारा शब्बीर'!एस.एन. विनोद !http://www.blogger.com/profile/15928209423094784655noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-22136440326617990142009-10-10T20:10:09.841+05:302009-10-10T20:10:09.841+05:30आदरणीय विनोदजी ने विद्रोहीजी की जिस भावना को सबके ...आदरणीय विनोदजी ने विद्रोहीजी की जिस भावना को सबके सामने लाया है, उसकी शुरुआत ही करीब एक दशक पहले से हुई है जब से चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च पर कड़ाई से नियंत्रण शुरू कर दिया। रुपयों का नंगा नाच अगर देखना है तो चुनाव के दौरान देखा जा सकता है। सिर्फ उम्मीदवार ही नहीं बल्कि कुछ अखबार भी इसका भरपूर फायदा उठाते हैं। अब देखना यह है कि व्यावसायिक हो रही पत्रकारिता की वेश्यावृत्ति रूपी हद कब पार होती है। कभी न कभी तो हर गलत का अंत होता है। देखना यह रहता है कि इसके अंत की शुरुआत कौन करता है और कैसे करता है। बेबाक बयानी के लिए विनोदजी का अभिनंदन।<br />अंजीव पांडेयanjeev pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13492042985898080079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-21064004086874948022009-10-10T19:37:38.355+05:302009-10-10T19:37:38.355+05:30I am very much agree with your view.If we will not...I am very much agree with your view.If we will not wake up ,definatly Journalism will be become prositution.Amit.....AAAhttps://www.blogger.com/profile/09520599371966515977noreply@blogger.com