tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post8366018042609440162..comments2023-09-26T19:57:38.188+05:30Comments on चीरफाड़: थैलीशाहों की थैलियों में कैद राजनीति?एस.एन. विनोद !http://www.blogger.com/profile/15928209423094784655noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-61417594500717508802009-10-27T10:38:52.394+05:302009-10-27T10:38:52.394+05:30थैलीशाह तो हि्न्दुस्तान की राजनीति पर आजादी के पहल...थैलीशाह तो हि्न्दुस्तान की राजनीति पर आजादी के पहले ही सवार हो चुके थे। अब तो वे मजे में सवारी कर रहे हैं। अब जनता की वह राजनीति चाहिए जो इस थैलीशाही को उखाड़ फेंके। वह है भी पर बहुतों को दिखाई नहीं देती। तलाशिए और उस में शामिल होइए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-80344020101283565162009-10-27T08:45:50.667+05:302009-10-27T08:45:50.667+05:30हम अकेली राजनीति की ही बात क्यों करें? क्या समाज...हम अकेली राजनीति की ही बात क्यों करें? क्या समाज में कोई गरीब प्रबुद्ध व्यक्ति प्रतिष्ठित होता है? धार्मिक स्थानों पर प्रतिष्ठा है? आज पैसे की चकाचौंध ने सारे ही समाज को दूषित कर दिया है। मैं एक श्रेष्ठ संस्था में सेवारत हूँ, लेकिन जब भी कोई कार्यक्रम करना होता है, स्थानीय लोग किसी पैसे वाले की ही तलाश करते हैं। मैं अक्सर कहती हूँ कि आप लोग यह कार्यक्रम स्वयं भी तो कर सकते हैं लेकिन वे हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा आए की कहावत पर चलकर पैसे वालों की ही गुलामी करते हैं। इसलिए सभी क्षेत्रों में ये ही दिखायी देते हैं। मझे तो लगता है कि कुछ दिनों बाद साहित्य में भी लिखेगा कौन और नाम किसी पैसे वाले का ही होगा। समाचार पत्रों के सम्पादकीय तो दूसरों से लिखाए ही जाते हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-47005494764341026602009-10-27T01:12:03.715+05:302009-10-27T01:12:03.715+05:30हम अपने नेता ऐसे चाहते हैं जिनका अनुसरण कर सकें। आ...हम अपने नेता ऐसे चाहते हैं जिनका अनुसरण कर सकें। आज सबको ही पैसे से प्यार है सो थैलीशाहों को चुनते हैं। राजनैतिक दलों को भी सुविधा है अब चुनावों में पैसे की समस्या नहीं आती। जब शक्ति की आवश्यकता होती है तो बाहुबली हैं उनके पास , जब पैसे की हो तो थैलीशाह हैं।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com