tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post30657564977214080..comments2023-09-26T19:57:38.188+05:30Comments on चीरफाड़: प्रियंका पहले स्वयं गीता पढ़ लें !एस.एन. विनोद !http://www.blogger.com/profile/15928209423094784655noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-70231267356263580032009-03-26T15:06:00.000+05:302009-03-26T15:06:00.000+05:30यदि वरुण उस संबोधन को अपना नहीं मानते तो बाल ठाकरे...यदि वरुण उस संबोधन को अपना नहीं मानते तो बाल ठाकरे को धन्यवाद किस बात का दे रहे हैं ?varshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-14631350454610132032009-03-26T10:25:00.000+05:302009-03-26T10:25:00.000+05:30अति उत्तम तरीके से आपने तीखी टिप्पड़ी की है ...अति उत्तम तरीके से आपने तीखी टिप्पड़ी की है ।<BR/>वाह वाह। <BR/>~जयंतजयंत - समर शेषhttps://www.blogger.com/profile/13334653461188965082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-49793970586718375822009-03-25T17:28:00.000+05:302009-03-25T17:28:00.000+05:30आपका विश्लेषण पढना बहुत अच्छा लगा . धन्यवाद. .आपका विश्लेषण पढना बहुत अच्छा लगा . धन्यवाद. .दीपक कुमार भानरेhttps://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-63328876820153174622009-03-25T15:52:00.000+05:302009-03-25T15:52:00.000+05:30आजकल जबकि सारे पत्रकार कौआ कान लेगया सुनकर कौये के...आजकल जबकि सारे पत्रकार कौआ कान लेगया सुनकर कौये के पीछे भागकर हुआं हुआं करने लगे हैं, आपका विश्लेषण पढ़ना बहुत अच्छा, लगता हैगुस्ताखी माफhttps://www.blogger.com/profile/15385098727493867212noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-86804864030696289102009-03-25T15:48:00.000+05:302009-03-25T15:48:00.000+05:30हा हा हा मैं भी यही सोच रही थी।हा हा हा मैं भी यही सोच रही थी।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5804599932580301957.post-70633135083529405352009-03-25T03:06:00.000+05:302009-03-25T03:06:00.000+05:30गांधी परिवार के आपसी अंतर्द्वंद्व का आपने सटीक विश...गांधी परिवार के आपसी अंतर्द्वंद्व का आपने सटीक विश्लेषण किया है। हालांकि, वरूण के दो भाषणों के प्रसारित अंशों को आधार पर मैं वरूण का समर्थन नहीं कर सकता, लेकिन क्या कांग्रेस प्रायोजित 1984 के जघन्य सिख विरोधी दंगों के लिए प्रियंका भी माता-भ्राता सहित माफी मांगने को तैयार हैं? क्या अपने पिता की उस समय की गई (<BR/>1984 दंगों के समय) यह टिप्पणी- जब कोई बड़ा दरख्त गिरता है, तो आसपास की जमीन डोलती है- प्रियंका को याद है? अगर हां, तो इसके लिए उनमें माफी मांगने का साहस है? कम से कम अभी तक तो ये साहस नहीं ही दिखा है। ऐसे में वरूण को गीता पढ़ने का उपदेश उन्हें शोभा नहीं देता।राजीव रंजन श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/05690977738666900194noreply@blogger.com