न्यायपालिका भी कोई उज्जवल नहीं है , मात्र अपनी नाक बचाने के लिए ही कुछ कर रही है | पुलिस बर्बरता के लिए आखिर किसी को भी दण्डित नहीं किया है |भारतीत लोकतंत्र एक नाटक है जिसे शक्ति संपन्न लोग मिलकर खेल रहे हैं और जनता देख रही है .... इससे अधिक कहना अतिशयोक्तिपूर्ण पूर्ण होगा .. या भांडों का काम होगा ..
3 comments:
same same same .............
देखिये कब जाग पाता है भारत..
न्यायपालिका भी कोई उज्जवल नहीं है , मात्र अपनी नाक बचाने के लिए ही कुछ कर रही है | पुलिस बर्बरता के लिए आखिर किसी को भी दण्डित नहीं किया है |भारतीत लोकतंत्र एक नाटक है जिसे शक्ति संपन्न लोग मिलकर खेल रहे हैं और जनता देख रही है .... इससे अधिक कहना अतिशयोक्तिपूर्ण पूर्ण होगा .. या भांडों का काम होगा ..
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