माफी चाहता हूं। आईपीएल के गंदले पानी को आज फिर खंगालना पड़ रहा है। यह जरूरी है। इसलिए कि हम जिस महान संस्कृति की धरोहर की गाथा गाकर विश्व समुदाय में भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं उस संस्कृति की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह भारत की प्राचीन महान सभ्यता और संस्कृति ही है जो विगत हजारों वर्षों में अनेक विदेशी आक्रमणों के बावजूद कायम रही। इससे रौंदने के सभी प्रयास विफल रहे। कोई आश्चर्य नहीं कि हमारी इस महान संस्कृति से आकर्षित अनेक देशों के नागरिकों ने भारत का रुख किया। नजदीक से देखा, परखा, शोध-मंथन किया और हमारी संस्कृति-सभ्यता का अनुकरण किया। लेकिन यह सत्य भी मौजूद है कि पश्चिम के देश हमारी इस महान सभ्यता-संस्कृति के प्रति इष्र्यालु हैं। वे उसका मर्दन चाहते हैं। समय-समय पर आपत्तिजनक हथकंडे अपनाने से भी बाज नहीं आते।
आपातकाल के दिनों से शक्तिशाली संजय गांधी ने देश के महानगरों में 'कैसीनो' (जुआघर) खोलने का इरादा जताया था। तब स्वयं कांग्रेस पक्ष के अनेक नेताओं के विरोध का संज्ञान लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। लेकिन आज? क्या सत्ता पक्ष, क्या विपक्ष, विरासत में प्राप्त अपनी महान सभ्यता-संस्कृति की नीलामी के पक्ष में तत्पर दिख रहे हैं, बोलियां लगवा रहे हैं! नैतिकता का यह कैसा पतन! एक सीमा तक धन का स्वागत तो जायज है। किंतु मर्यादा के पार नहीं। आईपीएल का नंगा नाच प्रमाण है कि हमारे देश के राजनेता, उद्योगपति, अभिनेता, खिलाड़ी व कथित समाज सेवी धन अर्जित करने के लिए चौराहों पर निर्वस्त्र बोलियां लगवाने को तत्पर हैं। यह वर्ग इस कठोर सत्य को भूल गया है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। और हमने अपने लिए ऐसे संविधान का निर्माण किया है जो सामाजिक विषमताओं को समाप्त करने के प्रति समर्पित है। वे यह भी भूल गये हैं कि उनका ऐश्वर्य, शान-शौकत, अमीरी की चमक, आम जनता की गाढ़ी कमाई की देन है। आम जनता तो ईमानदारी से टैक्स अदा कर देती है, किंतु यह वर्ग धूर्त बेईमानों की तरह तिकड़म कर टैक्स की चोरी करता है और उन पैसों से ही हमारी संस्कृति के साथ बलात्कार करता है। निश्चय ही यह वर्ग देश का गद्दार है। आईपीएल के महाघोटाले अथवा नंगे नाच की जो तस्वीरें छन-छन कर सामने आ रही हैं, वे हृदय विदारक हैं। पूरे देश को शर्मिंदगी के गर्त में धकेलने वाली हैं। क्रिकेट एक खेल, जिसके आयोजनों को सरकार सुरक्षा प्रदान करती है, टैक्स में राहत देती है, उस खेल को बाजारू बना देने वालों को दंड तो मिलना ही चाहिए। एक खबरिया चैनल ने आज शुक्रवार को आईपीएल के मैच के बाद कोलकाता में हुई 'विलंब रात्रि पार्टी' के कुछ दृश्य प्रसारित किये हैं। आपत्तिजनक अश्लील ये दृश्य प्रमाणित करते हैं कि क्रिकेट को सचमुच एक 'धंधा' बना डाला गया है। एक ऐसा धंधा जिसमें अनैतिकता है, अश्लीलता है, बईमानी है, छलकपट है। रिश्तों को तार-तार करती नंगई है। क्या इसे हम स्वीकार कर लें? जनता की निर्वाचित सरकार यह तय करे। खबर है कि पिछले दो माह में आईपीएल की 55 पार्टियों पर 24 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसी अवधि में इन पार्टियों में 27 हजार लोगों ने शिरकत की और 27 हजार शराब की बोतलें खोली गईं। ये पार्टियां केवल आयोजकों या खिलाडिय़ों के लिए ही नहीं बल्कि वैसे लोगों के लिए भी खुली हैं जो मैच और पार्टी के लिए 34 हजार रुपये की एक टिकट खरीदने की ताकत रखते हैं। खबरिया चैनल ने ऐसी पार्टियों की हकीकत को बेपर्दा किया है। चैनल ने दिखाया एक मशहूर अभिनेत्री को एक विदेशी खिलाड़ी के साथ अश्लील नृत्य करते हुए। बिकाऊ ऐसी पार्टियों में बिकाऊ लोगों की शिरकत में, मंचन तो अश्लीलता का ही होगा।
पीड़ा तो इस बात की है कि इंग्लैंड और ऑस्टे्रलिया की ऐसी गंदगी के भारत में आयात के दोषी क्रिकेट के वे संयोजक हैं जो भारत सरकार में भी महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं। अब और विलंब न हो। जांच परिणाम जब आएंगे तब आएंगे, क्रिकेट को राजनीतिकों और उद्योगपतियों के चंगुल से तत्काल मुक्त कराया जाए। भारतीय संस्कृति को रौंदने वालों को क्षमा तो कदापि ना मिले। वे देश के अपराधी हैं।
2 comments:
इन्डियन पन्गा लीग
इन्डियन पालिटिशियन लीग. कुछ इसे पार्लियामेन्टेरियन लीग भी कह रहे हैं.. आजादी से पहले लोग अनपढ़ थे और धार्मिक थे इसलिये आजादी मिली और संस्कृति बची रही आज लोग पढ़ गये हैं धर्मनिरपेक्ष हो गये हैं इसलिए हश्र आपके सामने है.. जो काम हजारों साल की गुलामी न कर सकी वह साठ साल के प्रजातन्त्र की आजादी ने कर दिया..
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