मोहन भागवत के प्रधानमंत्री बनने और नरेन्द्र मोदी के सरसंघचालक बनने से महाराष्ट्र की राजनीति में भी भूचाल आ गया है। चूंकि मोहन भागवत को एक खास एजेंडे के अंतर्गत प्रधानमंत्री बनाया गया है। बताया जा रहा है कि एजेंडे की पूर्ति के बाद मोहन भागवत प्रधानमंत्री की कुर्सी पर किसी और को बिठा खुद मुक्त हो जाएंगे। एक सनसनीखेज व चौंकानेवाली जानकारी के अनुसार, भागवत के बाद अगला प्रधानमंत्री नागपुर से ही होगा। राजनीति की पंडितगिरी करनेवाले पंडित अंकगणितीय ज्योतिषियों से गणना कराने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि संघ मुख्यालय नागपुर में रहनेवाले भाजपा राजनीति के दो दिग्गजों केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस में से कोई प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। केन्द्र में प्रधानमंत्री मोहन भागवत के साथ नंबर दो पर आसीन गडकरी का पलड़ा वैसे तो भारी है किंतु, युवा फडणवीस की किस्मत भी चमक सकती है। अनुभव और कार्यकुशलता के आधार पर गडकरी की दावेदारी मजबूत रहेगी। किंतु, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जिस सुझ-बुझ के साथ महाराष्ट्र जैसे जटिल राज्य का मुख्यमंत्रित्व संभाला है, राज्य में विकास के नये-नये आयाम खोले हैं, देशी-विदेशी निवेश बढ़े हैं, आम लोगों के बीच सुरक्षा और विश्वास की भावना बढ़ी है, उससे उनकी दावेदारी भी मजबूत दिखती है। उनका युवा होना भी उनके पक्ष में जाता है। मृदुभाषी फडणवीस में सबको साथ लेकर चलने का गुण विद्यमान है। अधिकारियों और आम कर्मचारियों के साथ भी तालमेल बिठाने में फडणवीस निपुण हैं। दूसरी ओर अनुभव के साथ-साथ विशाल जनाधार गडकरी के पक्ष में जाता है। प्रधानमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों के बीच मुकाबला तो कांटे का होगा, किंतु नागपुरवासी खुश हैं कि मोहन भागवत के बाद संतरा नगरी नागपुर को दूसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी मिलेगी।
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